GDP OF INDIA 2019
India's GDP growth slips to 6 year low of 5% भारत की GDP विकास दर 5% से 6 साल कम
इस आर्टिकल में हम जाने वाले हैं INDIA के ग्रोथ रेट 2019 में स्लोडाउन से देखा जा रहा है 2018 में GDP ग्रोथ रेट कितना था GDP ग्रोथ रेट क्या होता है और आने वाले दशक में हमारा ग्रोथ रेट किस तरह से बढ़ेगा इसके रीजन क्या होंगे और INDIA को चाइना से किस तरह कंपटीशन करना पड़ेगा इस आर्टिकल में सोल्यूशन भी दिए गए हैं.
GDP OF INDIA 2019
2019 2020 के क्वार्टर फाइनल ईयर में 5 पर्सेंट की GDP दिखाई दी गई है.
हमारी GDP रेट गिरकर 5% हो गई है पिछले 6 साल में आखिरकार GDP रेट क्यों कर रही है इसका कारण क्या हो सकता है और इसका सलूशन क्या है चाइना कहां पर खड़ा है यह सब जानेंगे हम इस टॉपिक में.
हमारी GDP 5.8% से गिरकर सीधा 5% पर आ गई है.
हम जो अभी न्यूज़ में सुन रहे हैं कि हमारी GDP 5% पर गिर गई है यह पूरे साल की GDP नहीं है. यह सब 3 महीने की ग्रोथ है यानी कि GDP को अकाउंट 3 महीने के अंदर किया जाता है यानी कि 3 महीने को एनालाइज किया जाता है और फिर GDP रेट बताया जाता है.
हमारा
फाइनेंसियल ईयर चालू होता है 1 अप्रैल में और खत्म होता है 31 मार्च में
अभी जो आप देख रहे हैं 5% यह है अप्रैल में जून की यह जो फाइनेंसियल ईयर
चालू हुआ है रिसेंटली 2019 2020 का इसका यह पहला क्वार्टर है सेकंड रिपोर्ट
होगा उसकी रिपोर्ट अभी आने वाली है जहां पर हम जुलाई-अगस्त और सितंबर की
बात करने वाले हैं अगले रिपोर्ट में.
फिर उसके बाद अक्टूबर-नवंबर दिसंबर और जनवरी फेब्रुवारी मार्च इन सबको मिलाकर पूरे साल भर का GDP ग्रोथ रेट निकाला जाएगा.
लेकिन
चिंता की बात यह है कि दुनिया हमसे यह एक्सपेक्ट कर रही है हम 7% ग्रोथ
करेंगे क्योंकि हमारी आबादी इतनी बड़ी है यानी कि हमारा वर्ल्ड में दूसरा
नंबर लगता है पॉपुलेशन में. इसके लिए हमें जॉब चाहिए और सारी कंट्री आंख
मारे देश में अट्रैक्ट हो यहां पर वो इन्वेस्टमेंट करें और हम दुनिया की
सबसे तेज इकोनॉमिक्स बने रहे.
अगर हम चाइना को कंप्लीट करते हैं तो तो हमें 10% की ग्रोथ रेट चाहिए होगी चाइना को इक्वल करने के लिए.
अब
यहां पर हुआ क्या है कि पहले ही क्वार्टर में ग्रोथ रेट 5% पर आ गई है. और
हम पर यह पैसा आ गया है कि अगले 3 क्वार्टर में यह ग्रोथ रेट 6 के आसपास
रखें और अच्छी एवरेज बन पाए लेकिन यहां पर एक प्रश्न आता है कि अगर हम इसी
तरह से 5% के ग्रोथ में अटक जाते हैं तो तो हमारी साल भर की एवरेज बहुत ही
खराब निकल कर सामने आएंगी.
इसका इंपैक्ट अदर कंट्री पर पड़ेगा वहां के जो इन्वेस्टमेंट है वह INDIA की तरफ काफी कम अट्रैक्ट होंगे और इसका असर हमारे GDP पर काफी बुरा पड़ सकता है.
CURRENT GDP OF INDIA 2019
INDIA ने पिछले 5 साल में काफी अच्छा परफॉर्मेंस दिखाया है GDP ग्रोथ रेट में हमने 2015 में ग्रोथ किया था जहां पर हमने 7.4 कि ग्रोथ की थी यह पूरे साल की ग्रोथ हे.
उसके बाद 2016 में काफी अच्छी ग्रोथ रेट थी 8% यहां पर GDP रेट थी 2017 में GDP रेट था 8.2 और 2018 में यानी कि यहां से ही GDP
में ग्रोथ रेट कम दिखाई देने लगा 2018 में ग्रोथ था 7.2% और यहां पर यह
एक्सपेक्ट बताया जा रहा है कि के इकोनॉमिक्स ने यहां पर अपना अनुमान लगाया
है कि आने वाले ईयर में INDIA की ग्रोथ रेट 6.2% रहने वाली है यानी कि काफी कम रहने वाली है.
यहां पर हमें करना चाहूंगा कि हमारा जो एवरेज GDP ग्रोथ रेट है उसे 7% पर ही स्टेबल करना होगा नहीं तो 5 ट्रिलियन की इकोनामी है उसका रास्ता काफी मुश्किल होने वाला है.
लेकिन एक बात है कि जो INDIA
के लिए काफी मुश्किल है यहां पर चायना काफी तेजी से ग्रोथ कर रहा है पिछले
2 साल से हम सुन रहे हैं कि यूएसए को चाइना में ट्रेड वॉर को लेकर काफी
हालत टाइट है लेकिन फिर भी चाइना का इस तरह से ग्रोथ करना यह काफी बेहतरीन
माना जाता है.
2018 2019 का जो फाइनेंशियल ईयर था उसमें INDIA ने ग्रोथ रेट किया 5.8% और चाइना की ग्रोथ रेट थी 6.4% उसी वक्त मीडिया ने कहा कि INDIA से ताज हट चुका है वर्ल्ड फास्टेस्ट इकोनॉमिक का यह तो था पिछले क्वार्टर के बारे में लेकिन अभी क्या हुआ है चाइना ने यहां पर भी INDIA
को बीट किया है चाइना ने यहां पर अपनी ग्रोथ रेट दिखाइए है 6.2% और हमारी
ग्रोथ है 5% अगर देखा जाए तो यहां पर बहुत बड़ा गैप दिखाई देता है.
और इस तरह के गैप से हम चाइना को कभी भी सर पास नहीं कर सकते हमको रेडिकल कुछ करना होगा इकोनामिक को रिवाइव करने के लिए.
GDP OF INDIA 2019
लेकिन INDIA की ग्रोथ रेट 8% से गिरकर सीधा 5% पर आ गई आइए जानते हैं डिटेल में.
कुछ
साल पहले हमने 8% की ग्रोथ रेट दी थी लेकिन अब आज के समय में हम 5.8% की
ग्रोथ रेट दे रहे हैं लेकिन इसके कुछ मल्टीपल रीजन है यहां पर INDIA की जो इकोनामी है वह ज्यादा बाय नहीं कर रहे हैं यानी कि परचेस नहीं कर रहे लोग गाड़ी खरीदना कम कर रहे हैं.
बेसिक जो प्रोडक्ट होते हैं जैसे की दाल आटा जो बेसिक कमोडिटी होती है उसकी consumption काफी कम हो रही है INDIA
की जो एफएमसीजी कंपनी है जो फूड के प्रोसेस में अपना काफी बड़ा योगदान
देते हैं उन्होंने भी कहा है कि एक स्लोडाउन देख रहे हैं डिमांड में INDIA
में यह काफी खराब है जैसे ही 1991 के रिफॉर्म हुए थे तभी से लेकर अभी तक
हमारी जो ग्रोथ रेट है वह डिपेंड हे Domestic consumption पर INDIA काफी
बड़ा है और यहां की पॉपुलेशन भी बढ़ी है करीब 1 बिलियन की लोग हैं जो खुद
ही ज्यादा consuming कर लेते हैं इसी इर्द-गिर्द हमारी इकोनॉमी खड़ी हो गई
थी.
अब
यह जो डोमेस्टिक कंज्यूम है वह कम खरीद रही है तो ओबवियसली असली हमारी
ग्रोथ रेट कम होंगी हमारी इकोनॉमी चाइना जितनी बड़ी नहीं है लेकिन फिर भी
चाइना एक्सपोर्ट होते हैं पूरे साल में वह है 2.5 ट्रिलियन से भी ज्यादा
जितनी हमारी इकोनॉमी है उससे ज्यादा कई गुना चाइना एक्सपोर्ट करता है.
हमारे गुड्स और एक्सपोर्ट को मिलाकर 500 बिलियन के आसपास पहुंचते हैं.
और इसमें कई सारे फैक्टर भी है रिसेंटली जो हमारे फॉर्मर आरबीआई गवर्नर है रघुराम राजन ने कहा है कि INDIA की जो GDP ग्रोथ रेट है इसको दो चीजों ने काफी ज्यादा डैमेज किया था एक तो नोटबंदी और उसके बाद सर्टेनली जीएसटी का लागू होना.
रघुराम राजन जी कहते हैं जीएसटी अपने आप में बहुत ही बड़ा रिफॉर्म था और काफी बिजनेस को अपनी आदतें बदलनी पड़ी वो किस तरफ से टैक्स दे रहे थे कई सारे चीजों के टैक्स बढ़ गए कम हो गए वह अपने आप में ही शौक थे.
रघुराम राजन जी कहते हैं जीएसटी अपने आप में बहुत ही बड़ा रिफॉर्म था और काफी बिजनेस को अपनी आदतें बदलनी पड़ी वो किस तरफ से टैक्स दे रहे थे कई सारे चीजों के टैक्स बढ़ गए कम हो गए वह अपने आप में ही शौक थे.
तो
नोटबंदी के बाद जैसे ही जीएसटी आ गया इकोनामी इससे शेकएप हो गई इससे
इंडियन इकोनॉमिक स्टेबल नहीं हो पाई और एक के बाद एक ग्रोथ रेट गिरता चला
गया.
GDP OF INDIA 2019
रघुराम राजन जी कहते हैं कि नोटबंदी के बाद यानी कि कुछ समय बाद अगर हम जीएसटी को लागू करते तो INDIA की ग्रोथ रेट काफी हद तक कम गिरी हुई दिखाई जाती आज के समय में.
और
यह सिर्फ रघुराम राजन जी का कहना नहीं है हाल ही में नीति आयोग के अमिताभ
कांत ने कहां है कि मोदी सरकार ने 2 बड़े रिफॉर्म भारत में लेकर आए जिसकी
वजह से इकोनॉमी GDP काफी कम देखी जा रही है.
और यह सभी के बीच में एक बड़ा सवाल पैदा होता है कि दुनिया में ग्लोबल स्लोडाउन आने वाला है.
मोरगन स्टैंड अली ने यह कहा है कि अगर चाइना और यूएसए में ट्रेड वॉर चलती रही तो दुनिया में बढ़ा ग्लोबल स्लोडाउन देखने को मिलेगा.
सलूशन क्या है
ओबवियसली
पहली बात तो यह है कि हमें हमारा मैन्युफैक्चरिंग सेंटर को इंप्रूव करना
होगा इसके लिए हमें जॉब चाहिए सारे जॉब सरकार प्रोवाइड नहीं कर सकती इसीलिए
सरकार को प्राइवेट जॉब यानी कि बाहरी की कंपनियों को अपनी तरफ आकर्षित
करना होगा जिससे हम यारी ग्रोथ रेट काफी हद तक स्टेबल है पाएंगी हाल ही में
अन्य सैमसंग और एप्पल जैसे कंपनियों को INDIA में अपने कुछ पार्ट बनाने की अनुमति दी है.
लेकिन इससे इतना कुछ फायदा नहीं होने वाला है INDIA
को काफी ज्यादा चांस था कि यूएसए और चाइना के ट्रेड वॉर में यहां पर यूएसए
कंपनी चाइना में मैन्युफैक्चरिंग करना छोड़कर कोई दूसरी कंट्री में जा रहे
थे INDIA के अलावा क्योंकि यहां पर इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी होने से
ट्रांसपोर्ट में काफी ज्यादा दिक्कत आती है इसीलिए यूएसए के काफी कंपनियां
बाहर के देशों में अपना मैन्युफैक्चरिंग कर रहे हैं.
यूएसए
की काफी कंपनियां जा रही है सिंगापुर में थाईलैंड में क्योंकि वहां पर
उन्हें कम टैक्सेस में काम करने का मौका मिल रहा है वहां एशियन कंट्री है
जहां पर फ्री एग्रीमेंट टैक्स होता है.
INDIA
काफी कंजरवेटिव है अपने मार्केट को लेकर हम धीरे-धीरे अपने मार्केट को
बढ़ा रहे हैं पेमेंट चाइना और एशियन कंट्री की तुलना में हमारे जो कोरिडोर
थे दिल्ली मुंबई कॉरिडोर यहां पर बुलेट ट्रेन का भी काम काफी धीमी गति से
चल रहा है इस वजह से इन्फ्राट्रक्चर में INDIA काफी पीछे है एशियन कंट्री की तुलना में यह तो एक long-term सॉल्यूशन हो गया लेकिन शॉर्ट टर्म सोल्यूशन क्या है.
GDP OF INDIA 2019
शॉर्ट
टर्म सलूशन हाल ही में ही हुंडई मोटर के मैनेजिंग डायरेक्टर है उन्होंने
सजेशन दिया कि जीएसटी में रेट कट की आवश्यकता है अगर मान लीजिए कि जीएसटी
मैं कुछ टैक्स में छूट मिलती है कार खरीदने में तो इसमें ऑटोमोबाइल सेक्टर
थोड़ा बहुत इनक्रीस हो सकता है.
INDIA
में 1000 लोगों में से सिर्फ 22 लोगों के पास कार है अगर बात की जाए चाइना
की तो उनके 1000 लोगों में से 160 लोगों के पास कार होती है बात की जाए
यूएसए और साउथ कोरिया की 800 कार 1000 लोगों के पास यानी कि इसका मतलब यह
है कि हम से 22 से लेकर 100 तक भी हो जाए तो हमारे लिए काफी अच्छा संकेत
होगा GDP ग्रोथ रेट के लिए. लेकिन इसके लिए हम को प्यार को थोड़ा अफोर्डेबल
बनाना होगा यानी कि कुछ छूट देनी होगी कार इंडस्ट्रीज में इसे लोग कार
खरीदना शुरू कर देंगे और उससे कार की मैन्युफैक्चरिंग भी बढ़ जाएंगी.
रिसेंटली
इस स्लोडाउन की वजह से 15000 लोगों की नौकरियां चली गई है ऑटोमोबाइल
सेक्टर में से क्योंकि डिमांड में बहुत ज्यादा कमी है यह बस एक एग्जांपल है
कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में कुछ रिफॉर्म लाने चाहिए मैं नहीं कहता कि ऐसा
करने से INDIA की ग्रोथ रेट काफी हद तक सुधर जाएंगे लेकिन एक कुछ इंपैक्ट INDIA के ग्रोथ रेट पर दिखाई देगा.
GDP OF INDIA 2019
डोनाल्ड
ट्रंप ने भी यही किया है कि इतना ज्यादा ट्रेड वॉर टाइट होने से यूएसए में
इतनी खुशियां क्यों है क्योंकि यूएसए में टैक्सेस काफी हद तक कम है
कॉरपोरेशन पर टैक्सेस काफी ज्यादा कम है इसी वजह से यूएसए में जॉब कि बाहर
है इसीलिए वहां पर अनइंप्लॉयमेंट काफी ज्यादा कम है.
और
यहां पर हां और एक्सोल्यूशन भी है जो हमारा रूलर सेक्टर है उनकी इनकम हम
बढ़ाएं यानी कि जो किसान है उनकी आमदनी बढ़नी चाहिए और इनकी इनकम बढ़ाने का
टारगेट है हमारा 2020 का.
इन
सारी चीजों को आपको इंपैक्ट में देखने को मिलेगा 2 या 3 सालों के अंदर ही
तो दोस्तों आपको यह आर्टिकल कैसा लगा हमें कमेंट कर कर जरूर बताइए.
आपका बहुमूल्य समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद.
GDP OF INDIA 2019
GDP OF INDIA 2019
Reviewed by Business Opportunity in Maharashtra बिझनेस अपॉच्यूनिटी इन महाराष्ट्र
on
December 29, 2019
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